तुम्हारी तरह
मैं भी प्यार करता हूँ
प्यार से, ज़िन्दगी से,
चीज़ों की भीनी-भीनी खुशबू से,
जनवरी के दिनों के आसमानी भूदृश्यों से।
मेरा ख़ून भी खौलता है
और मैं हँसता हूँ उन आँखों से
जिन्हें पता है आँसुओं का किनारा
मुझे यकीन है कि दुनिया ख़ूबसूरत है
और यह कि रोटी की तरह
कविता भी सबके लिए है।
और यह भी कि मेरी रगें मुझमें नहीं
उन तमाम लोगों के एकदिल लहू में ख़त्म होती हैं
जो लड़ रहे हैं ज़िन्दगी के लिए,
प्यार के लिए,
चीज़ों के लिए,
भूदृश्यों और रोटी के लिए,
सबकी कविता के लिए।
अनुवाद - आनन्द सिंह (अक्षय काळे के मार्गदर्शन में)
मैं भी प्यार करता हूँ
प्यार से, ज़िन्दगी से,
चीज़ों की भीनी-भीनी खुशबू से,
जनवरी के दिनों के आसमानी भूदृश्यों से।
मेरा ख़ून भी खौलता है
और मैं हँसता हूँ उन आँखों से
जिन्हें पता है आँसुओं का किनारा
मुझे यकीन है कि दुनिया ख़ूबसूरत है
और यह कि रोटी की तरह
कविता भी सबके लिए है।
और यह भी कि मेरी रगें मुझमें नहीं
उन तमाम लोगों के एकदिल लहू में ख़त्म होती हैं
जो लड़ रहे हैं ज़िन्दगी के लिए,
प्यार के लिए,
चीज़ों के लिए,
भूदृश्यों और रोटी के लिए,
सबकी कविता के लिए।
अनुवाद - आनन्द सिंह (अक्षय काळे के मार्गदर्शन में)